सबसे पहले आपको होली की ढेर सारी शुभकामनाऐं
हिरणकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को मारने का षड्यंत्र रचा था।
हिरणकश्यप ने अपनी बहन होलिका को कहा की प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाए।
होलिका को वरदान था की उसे आग से कुछ नही होता था।
लेकिन जब वह प्रहलाद को गोद में लेकर बैठी आग में तो वह जलकर ध्वस्त हो गई।
होलिका जलकर खाक हो गई लेकिन प्रहलाद को कुछ भी नहीं हुआ।
प्रहलाद भगवान हरि का भक्त था इसलिए उसे कुछ नही हुआ।
पौराणिक कथाओं अनुसार होलिका की याद में होली मनाई जाती है।
इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी इसलिए इसे अच्छाई के प्रतिक के रूप में भी मनाया जाता है।
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