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Durlabh Kashyap Biography In Hindi – उज्जैन का डॉन बनने की कहानी

दुर्लभ कश्यप कौन था कहाँ रहता था क्या करता था उसकी मौत कैसे हुयी इस प्रकार के कही सवाल आपके मन में बिजली की तरह कोंध रहे होंगे। आज आपको यहाँ आपके हर सवाल का जवाब आज आपको इस आर्टिकल Durlabh Kashyap Biography In Hindi में मिलने वाला है। 

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Durlabh Kashyap

Durlabh Kashyap Biography In Hindi

बचपन में कोई IAS या कोई IPS बनने की की preperation में लगा होता है, तो कोई बड़ा होकर बड़ी नौकरी करना चाहता है। पर उसी दौर में एक लड़का ऐसा भी था जिसके ऊपर पुरे देश पर राज करने का खून सवार था। वह अच्छे कामों से नहीं बल्कि गुंडाराज के द्वारा सब पर राज करना चाहता था।

Nameदुर्लभ कश्यप 
Mother’s nameपदमा 
Father’s nameमनोज कश्यप
BirthplaceUjjain, Madhya Pradesh 
HometownUjjain 
Age20 
Height5’7 feet 
ReligionHindu 
Marital statusUnmarried
EducationNot Known
Weight58kg
Occupationgangster
Death Year7 September 2020
Death reasonआपसी रंजिश 

उसने महज 16 साल की उम्र में ही एक ऐसी दुनिया में कदम रख दिया था, जिससे बाहर यानि EXIT का सिर्फ एक ही रास्ता होता है, और वो है मौत। तो उस 16 साल लड़के ने भी कुछ समय पश्चात इस दुनिया से मौत के बाद विदा ले ही ली। ये और कोई नहीं उज्जैन का 16 साल का दुर्लभ कश्यप था जिसने इस भयानक दुनिया में कदम रखा। 

जब उज्जैन में छोटी उम्र के लड़के पढ़ाई लिखाई में लगे थे, तभी उसी शहर का एक लड़का अपराध की सीढ़ी चढ़ रहा था मानो जैसे उसने ठान लिया था की वो इस दुनिया को अपना गुलाम बनाकर ही मानेगा पर जुर्म का अंत कैसे होता है, ये किसी से नहीं छुपा है Durlabh kashyap का भी वही हसर हुआ। उसकी मौत कैसे हुयी इसके बारे में आपको आगे detail से आपको पता चल जाएगा। 

Durlabh kashyap कौन था?

नाम था दुर्लभ कश्यप फेसबुक पर Durlabh kashyap हथियारों के साथ फोटों डाला करता था और धमकी भरे post डालकर लोगों को डराया करता था।

माथे पर काला टीका और कंधे पर काला गमछा ये उसकी एक अलग ही पहचान थी उसकी यह पहचान चारों तरफ फैलने लगी थी। कहीं छोटी उम्र के युवा उसके साथ जुड़ने लगे थे। देखते ही देखते पूरे उज्जैन में इस 16 साल के लड़के की चर्चा होने लगी और जल्द ही कश्यप ने अपना गैंग बना लिया।

फिर उज्जैन में उसका आतंक शुरू हो गया किसी को पीटना, डराना, धमकाकर पैसे लूटना, अपहरण जैसी कहीं घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया। रोज पुलिस थानों में एक ही नाम से कई एफआईआर दर्ज होने लगे। पुलिस भी हैरान थी की महज 16 साल का लड़का इतना आंतक कैसे मचा सकता है।

Durlabh Kashyap

दुर्लभ कश्यप जीवाजीगंज के अब्दालपुरा निवासी मनोज कश्यप का पुत्र था। दुर्लभ की माता उज्जैन के क्षीरसागर क्षेत्र में पूर्व स्कूल टीचर रह चुकी है। पिता मुंबई में नौकरी के बाद इंदौर शिफ्ट हुए है।

दुर्लभ कश्यप का जन्म 8 नवम्बर 2000 को मध्यप्रदेश के बाबा महाकाल की नगरी कही जाने वाली, बाबा महाकाल के नाम से फेमस उज्जैन नगरी में हुआ था। 

Durlabh Kashyap की कहानी

फेसबूक पर दुर्लभ कश्यप हफ्ता वसूली और अगर किसी को निपटाना हो या किसी का अपहरण करना हो तो वह उसके नाम की सुपारी फेसबुक पर से ही लेता था, उसकी पोस्ट देखकर कई युवा जो या तो समाज से सताए हुए थे या फिर घर परिवार से परेशान थे ,या जो अपने आपको इस दुनिया में अकेला मानते थे, वो सब युवा उस 16 साल के लड़के यानि दुर्लभ कश्यप के fan बन चुके थे।

धीरे-धीरे उज्जैन के कहीं युवा उसे जॉइन करने लगें। उसने उन युवाओ को अपनी गैंग में शामिल कर लिया। और उनसे वह वह अपराध करवाने लगा था, दुर्लभ की गैंग में 100 से ज्यादा युवा जुड़ गए थे जो अपहरण , हफ्ता वसूली, लूटपाट करने लगे थे।

जब दुर्लभ कश्यप की गैंग उज्जैन में अपनी रफ़्तार पकड़ने लगी और चारो तरफ इस के चर्चे और एक डर का माहौल बनने लगा तब उस समय उज्जैन के तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर को इस गैंग के बारे में पता चला क्योकि उस समय यह गैंग अपराधों में अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी। 

 जब इसकी जानकारी तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर को लगी तो उन्होंने दुर्लभ गैंग का खुलासा करते हुए दो दर्जन से अधिक युवाओं को हिरासत में लिया था। उनमे से कहीं नाबालिक भी थे।

उज्जैन के तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर ने जब दुर्लभ को हिरासत में लिया था तो उससे एक बात कही थी की “तुमने बहुत ही कम उम्र में बहुतों से दुश्मनी मोल ले ली है, जेल में रहेगा तभी सुरक्षित रहेगा”। दुर्लभ जैल में था पर उसकी गैंग अभी भी चालू थी।

धीरे-धीरे करके उसके सभी साथियों को जमानत पर रिहा करा लिया और फिर कुछ समय पश्चात वो भी जमानत पर बाहर आ गया। lockdown के समय जब पूरा देश बंद था तब वह कुछ समय के लिए इंदौर में रहा लेकिन जैसे ही lockdown खुला और वापस उज्जैन आ गया।

वो उज्जैन तो आ गया था लकिन वो भूल चूका था की जितनो से उसने दुश्मनी मोल ले रखी थी। वे उसके आने का ही इंतजार कर रहे थे। जो बात “तुमने बहुत ही कम उम्र में बहुतों से दुश्मनी मोल ले ली है, जेल में रहेगा तभी सुरक्षित रहेगा’’ तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर ने दुर्लभ कश्यप से कही थी उसे वह भूल चूका था। और वही बात आगे चलकर सही भी साबित हुयी।

Durlabh kashyap की मौत कैसे हुयी?

यह बात है 6 सितम्बर 2020 की जब वह अपने घर से खाना खाकर अपनी गैंग के साथ एक चाय की दुकान पर चाय पिने गया जहाँ उसका मुकाबला एक दूसरी गैंग शाहनवाज गैंग से होने वाला था।

वह रात उसकी आखरी रात होगी उसे भी नहीं पता था पर उसे इतना जरूर पता था की जिस रास्ते पर वो निकल चूका था उसकी मंजिल सिर्फ मौत ही है, लेकिन इतनी जल्दी आ जाएगी शायद उसे इसका अंदाज़ा नहीं था।

 6 सितम्बर 2020 को दुर्लभ गैंग और शाहनवाज गैंग के बीच झड़प हुयी। तो दुर्लभ ने अपनी बन्दूक से शाहनवाज के गले पर वार कर दिया जिसके बाद वह वहीँ गिर गया। उसके बाद शाहनवाज की गैंग के लड़कों ने दुर्लभ पर चाकू से वार करना शुरू कर दिया दुर्लभ के साथी ने जब शाहनवाज गैंग के सामने अपने आप को कमजोर पाया तो वे सब Durlabh Kashyap को अकेला छोड़ वहां से भाग गए। 

दुर्लभ के ऊपर 34 बार चाकू से हमला किया। उसकी इस आतंक और गुंडाराज की दुनिया का अंत काफी भयानक और दर्दनाक हुआ। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया की गुनहगार का अंत एक दिन अवश्य होता है। गुनाह से किसी का आजतक भला नहीं हुआ।

Durlabh Kashyap Photo

संत्रीजी खास आपके लिए काफी रिसर्च करने के बाद Durlabh Kashyap Photo को ढूंढ़कर लेकर आए हैं। यह काम आसान कतई नही था लेकिन आपके लिए संत्रीजी ने यह काम भी कर दिया। अब आप भी एक काम करना इस आर्टिकल Durlabh Kashyap Biography In Hindi को इतना शेयर करो की मजा आ जाए।

Durlabh Kashyap Photo

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

दुर्लभ कश्यप कहाँ रहता था?

दुर्लभ कश्यप उज्जैन का रहने वाला था.

दुर्लभ कश्यप की माता का क्या नाम था?

दुर्लभ कश्यप की माता का नाम पदमा था।

दुर्लभ कश्यप की पिता का क्या नाम था?

दुर्लभ कश्यप के पिता का नाम मनोज कश्यप था।

दुर्लभ कश्यप की मौत कैसे हुयी?

दुर्लभ कश्यप की मौत आपसी रंजिश के चलते हुयी। शाहनवाज गैंग से भिड़त के दौरान दुर्लभ की मौत हो गयी।

durlabh kashyap birthday?

दुर्लभ कश्यप का जन्म 8 नवम्बर 2000 को मध्यप्रदेश के उज्जैन में हुआ था।

हमसे जुड़े रहने के लिए आप सब का हमारी टीम की और से दिल बहुत-बहुत धन्यवाद। हम आशा करते है, की आपको आपके हर सवाल का जवाब यहाँ मिल गया होगा।


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