bhagat singh Biography

bhagat singh biography- शहीद-ए-आजम बनने की कहानी।

नमस्कार दोस्तों आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है संत्रीजी में हम आशा करते है की आप सब कुशल मंगल होंगे और संत्रीजी पर अपना ज्ञान बढ़ा रहे होंगे। आप की सेवा में एक फिर से हाजिर है, Bhagat Singh biography में आज आपको शहीद-ए-आजम भगत सिंह के बारे में बताने जा रहे हैं। शुरू करते है, बिना किसी देरी के Bhagat Singh biography.

Bhagat Singh biography

Bhagat Singh biography

Bhagat Singh के नाम को कौन नही जानता, देश को आजादी दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले और युवाओं में प्रेम की भावना जगाने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्म 27 सितम्बर 1907 को बंगा नामक एक गांव में हुआ था जो Lyallpur district में आता था।

यह देश आजाद होने से पहले पंजाब का हिस्सा था. 1947 में देश आजाद होने के बाद जब देश का बंटवारा दो भागों में हुआ था तब यह पाकिस्तान के अंदर चला गया था और अभी भी उसी जगह है। अगर अभी देखें तो उनका जन्म पाकिस्तान में आता है, लेकिन जब उनका जन्म हुआ था तब India ही उनकी जन्म भूमि थी। 

NameBhagat Singh
Date Of Birth27 September 1907
Mother’s nameविद्यावती कौर
Father’s nameKishan Singh
Sister’s nameBibi Prakash कौर
Brother’s nameKultar Singh
Birthplaceबंगा, Pakistan
HometownBanga 
Age23 
School Dayanand Anglo-Vedic School, Lahore
College लाहौर नेशनल कॉलेज
Member Hindustan Socialist Republican Association
Death 23 मार्च 1931 
Height5’11   feet
ReligionSikhism
Marital statusunmarried
GF NameDurgavati Devi
Nationality Indian (भारतीय)
Weight70 KG
OccupationFreedom Fighter 
AIM Independent India 
Best Freinds Sukhdev and Rajguru 
Awardsशहीद-ए-आजम

Bhagat Singh ने शुरुआत के साल स्कूल की पढाई बंगा में की उसके बाद उन्होंने लाहौर जाकर Dayanand Anglo-Vedic School, Lahor में अपना Admission ले लिया।1923 में उन्होंने लाहौर नेशनल कॉलेज से आगे की पढाई जारी की। जब वो पढाई कर रहे थे तब India में अग्रेजो से आजाद कराने का संघर्ष चल रहा था। 

शहीद-ए-आजम भगत सिंह भारत को आजाद करने के लिए हसंते-हँसते फांसी पर चढ़ गए थे। आज भी उनकी क़ुरबानी को पूरा देश सलाम करता है। और हर वर्ष उनकी जयंती को मनाता है। वह लाला लाजपत राय से काफी प्रभावित हुए थे।  

Bhagat Singh, Rajguru, Sukhdev

Bhagat singh, Sukhdev, Rajguru

Bhagat Singh, Rajguru और Sukhdev के बारे कौन नही जानता। इन तीनो ने ही लोगों के दिल में आजादी का जूनून जगाया था और फिर हँसते-हँसते देश के लिए फांसी पर चढ़ गए थे। यह तीनो एक दूसरे के सच्चे वाले दोस्त थे। यह Hindustan Socialist Republican Association के सीनियर सदस्य थे।

Hindustan Socialist Republican Association जिसे HSRA के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत को आजाद कराने के लिए संघर्ष करने वाला ग्रुप था। 1928 में ब्रिटिश सरकार ने एक साइमन कमिशन का निर्माण किया जो भारत की राजनीती का जायजा लेने के लिए बनाई गई थी।

लाला लाजपत राय और HSRA ने इस साइमन कमिशन का विरोध किया क्योंकि इसमें किसी भी भारतीय को शामिल नही किया गया था। जब ब्रिटिश सरकार ने लाहौर में 30 October 1928 को अपना कमिशनर भेजा तो लाला लाजपत राय की अगुआई में उनका भरपूर विरोध किया गया।

ब्रिटिश सरकार को उनका विरोध पसंद नही आया और सभी लाठी चार्ज शुरू कर दिया इस लाठी चार्ज में लाला लाजपत राय को कुछ गहरी चोंटे आई जिसकी वजह से कुछ दिनों बाद हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। लाला जी की मौत का मामला United Kingdom की parliament में गया तो ब्रिटिश सरकार ने साफ मना कर दिया की उनका इससे कोई लेना देना नही है।

राजगुरु, सुखदेव और चंद्रशेखर आजाद ने लाला लाजपत राय जी की मृत्यु का बदला लिया और साइमन कमीशन Scott की जगह गलती से ASP की हत्या कर दी और वहां से भाग गए।

Rajguru और Sukhdev को Scott के क़त्ल के आरोप में और इसके अलावा कई झूंठे आरोप भी लगाए। भगत सिंह को Scott की हत्या, ASP की हत्या के आरोप के अलावा parliament में बम फेंकने के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई। उन्हें 24 मार्च 1931 को फांसी देने की तारीख Decide की गई लेकिन India में उस समय उनकी Popularity इतनी फ़ैल गई थी की लोगो के डर से कायराना हरकत करके 11 घंटे पहले 23 मार्च 1931 को ही रात के समय वीर योद्धा Bhagat Singh, Rajguru और Sukhdev को फांसी पर लटका दिया लेकिन फिर भी उन तीनो के चेहरे पर एक हंसी थी की हम इस भारत देश के लिए क़ुरबानी दे रहे हैं। वो तीनों गले मिले और हँसते-हँसते फांसी पर चढ़ गए। ब्रिटिश सरकार की कायराना हरकत का हर जगह विरोध हुआ।  

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Bhagat Singh Family

Bhagat Singh के पिता का नाम kishan Singh है, वो भी देश को आजाद कराने के लिए लगातार अपना योगदान दे रहे थे। जिसकी वजह से उनके पिता को कई बार जेल में भी जाना पड़ा और कई यातनाओं का सामना करना पड़ा। Bhagat Singh की माता का नाम विद्यावती कौर है। वह एक ग्रहणी थी अपने घर को संभालती थी।

Bhagat Singh के 7 भाई बहन थे जिनके नाम Kultar Singh, Rajinder Singh, jagat Singh और Ranbir Singh है। उनकी बहनों के नाम Bibi Prakash Kaur और Bibi Amar Kaur है। उनका पूरा परिवार स्वतंत्रता में अपना योगदान दे रहा था।

Bhagat Singh wife

Bhagat Singh की शादी नही हुई थी। महज 23 साल की उम्र में ही वो शहीद हो गए थे लेकिन ऐसा कहा जाता है, की जब Bhagat Singh, Rajguru और Sukhdev, ASP की हत्या के बाद ब्रिटिश पुलिस से छुपकर रह रहे थे तब उनकी मुलाकात Durgavati Devi से हुई जो Durga भाभी के नाम से भी जानी जाती है। उन्होंने Bhagat Singh की छुपने में मदद की थी।

उसी दौरान Bhagat Singh और Durgavati Devi को आपस में प्यार हो गया था। आगे चलकर वो शादी भी कर सकते थे लेकिन Bhagat Singh ने अस्सेम्ब्ली में बम फेंकने के बाद अपने आपको सरेंडर कर दिया जिसके बाद दोबारा उनकी मुलाकात कभी नही हो पाई। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Bhagat Singh का जन्म कब हुआ था?

Bhagat Singh का जन्म कब 27 September 1907 को हुआ था।

Bhagat Singh की जयंती कब मनाई जाती है?

Bhagat Singh की जयंती 23 मार्च को मनाई जाती है।

Bhagat Singh को फांसी कब हुई थी?

Bhagat Singh को 23 मार्च 1931 को फांसी हुई थी।

हमारे इस आर्टिकल Bhagat Singh biography को पूरा पढ़ने के लिए आप सभी का संत्रीजी आभार प्रकट करते है। आप इसी प्रकार अपना प्यार बनाए रखना। आपके लिए नया लाते रहेंगे वो भी सिर्फ सच।

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